
व्यापारियों के लिए भाजपा के संकल्पों का स्वागत: दिल्ली के व्यापार जगत में नई उम्मीदों की किरण
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली में व्यापारिक समुदाय की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए दो दिन पूर्व भाजपा के संकल्प पत्र में कुछ प्रमुख घोषणाएं की हैं, जिनका व्यापक स्वागत किया गया है। इन घोषणाओं के केंद्र में दिल्ली के व्यापारियों के लिए व्यापार की सुगमता बढ़ाने और बाजार के विकास के लिए ठोस कदम उठाने का वादा शामिल है।
13,000 सील दुकानों की सील खोलने का संकल्प
श्री शाह ने भाजपा सरकार बनने के छह महीनों के भीतर दिल्ली में सील की गई 13,000 दुकानों की सील खोलने का वादा किया। चाँदनी चौक से सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली के व्यापारिक समुदाय के लिए बड़ी राहत साबित होगा और दिल्ली के बाजारों में व्यापारिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करेगा तथा व्यापार के नए अवसरों का निर्माण होगा तथा रोजगार बड़ी मात्रा में पैदा होगा। श्री खंडेलवाल ने विभिन्न घोषणाओं के बारे में विस्तार से बताया।
अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने का वादा
संकल्प पत्र में दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने की घोषणा ने व्यापारियों और निवासियों के मन में नई उम्मीदें जगाई हैं। इस कदम से व्यापार के लिए जमीन और संपत्ति की स्थिरता सुनिश्चित होगी, जो आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होगा।
व्यापारियों के लिए विशेष योजनाएं और नीतियां
भाजपा के संकल्प पत्र में व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की गई है, जिनमें शामिल हैं:
1. दिल्ली ट्रेडर्स वेलफेयर बोर्ड का गठन: यह बोर्ड व्यापारियों के हितों की रक्षा करने और उनके मुद्दों को प्राथमिकता से हल करने का कार्य करेगा।
2. व्यापारिक लाइसेंस की अवधि में वृद्धि: व्यापारिक लाइसेंस की अवधि को तीन वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष करना व्यापारियों के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा।
3. दिल्ली रिटेल ट्रेड पॉलिसी का निर्माण: इस नीति से रिटेल सेक्टर को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाया जाएगा।
4. बिजली की दरों में कमी: व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए बिजली की दरें कम करने से व्यापार की लागत में कमी आएगी।
5. दिल्ली मार्केट अपग्रेडेशन मिशन: इसके तहत दिल्ली के प्रमुख बाजारों में ढांचागत विकास किया जाएगा, जिससे व्यापार के लिए बेहतर वातावरण तैयार होगा।
6. डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग: व्यापार को डिजिटल तकनीक से जोड़ने का वादा किया गया है, जिससे व्यापारियों को नए अवसर मिलेंगे।
7. ट्रेड ट्रिब्यूनल का गठन: व्यापारिक विवादों को जल्दी सुलझाने के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण बनाया जाएगा।
8. व्यापारियों को दुर्घटनाग्रस्त बीमा: व्यापारियों और उनके परिवारों के लिए बीमा योजनाओं का प्रावधान किया जाएगा, जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के व्यापारियों ने भाजपा के इन संकल्पों का जोरदार स्वागत किया है। व्यापारियों का मानना है कि ये कदम दिल्ली में व्यापारिक माहौल को बेहतर बनाएंगे और उन्हें व्यापारिक समस्याओं से राहत दिलाएंगे। श्री खंडेलवाल ने यह भी कहा कि यह भाजपा की ओर से दिल्ली के व्यापारिक समुदाय के प्रति एक बड़ी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता का संकेत है।
भविष्य की संभावनाएं
भाजपा द्वारा किए गए इन वादों से दिल्ली के व्यापारिक जगत में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार हुआ है। व्यापारियों को उम्मीद है कि इन योजनाओं को समयबद्ध तरीके से लागू करके व्यापारिक चुनौतियों को दूर किया जाएगा और दिल्ली को एक व्यापारिक हब के रूप में स्थापित किया जाएगा।
इन वादों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा दिल्ली के व्यापारिक समुदाय को सशक्त बनाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
Recent Latest News
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सीसीएस द्वारा लिए गए निर्णयों का देश भर में समर्थन मोदी के निर्णयों के समर्थन में देश भर के व्यापारी अब नहीं करेंगे पाकिस्तान से कोई व्यापार
- Nationwide support for the decisions taken by CCS under the Leadership of Prime Minister Shri Narendra Modi Traders across the Country will no longer engage in any trade with Pakistan
- पहलगाम आतंकी हमले ने झकझोरा देश को – व्यापारिक समुदाय आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र संगठित – खंडेलवाल
- Pahalgam Terror Attack Shakes the Nation – Trading Community United Against Terrorism, Nation Stands Strong Under PM Modi’s Leadership – Khandelwal
- नेशनल कॉन्क्लेव में क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स की काली सच्चाई उजागर, स्वतंत्र नियामक संस्था की उठी मांग